मेवाड़_की_रानी_पद्मिनी


ऊँ श्रीहरि🌹🙏🌹
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#मेवाड़_की_रानी_पद्मिनी : #एक_शौर्य_गाथा
वीर वीरांगनाओं की धरती राजपूताना...
जहाँ के इतिहास में आन बान शान या कहें कि सत्य पर बलिदान होने वालों की अनेक गाथाएं अंकित है। एक कवि ने राजस्थान के वीरों के लिए कहा है :

"पूत जण्या जामण इस्या मरण जठे असकेल
सूँघा सिर, मूंघा करया पण सतियाँ नारेल"
{ वहां ऐसे पुत्रों को माताओं ने जन्म दिया था जिनका उदेश्य के लिए म़र जाना खेल जैसा था ...जहाँ की सतियों अर्थात वीर बालाओं ने सिरों को सस्ता और नारियलों को महंगा कर दिया था...(यह रानी पद्मिनी के जौहर को इंगित करता है)...}
आज दिल कर रहा है मेवाड़ की महारानी पद्मिनी की गाथा आप सब से शेयर करने का...

१३०२ इश्वी में मेवाड़ के राजसिंहासन पर रावल रतन सिंह आरूढ़ हुए. उनकी रानियों में एक थी पद्मिनी जो श्री लंका के राजवंश की राजकुँवरी थी. रानी पद्मिनी का अनिन्द्य सौन्दर्य यायावर गायकों (चारण/भाट/कवियों) के गीतों का विषय बन गया था। दिल्ली के तात्कालिक सुल्तान अल्ला-उ-द्दीन खिलज़ी ने पद्मिनी के अप्रतिम सौन्दर्य का वर्णन सुना और वह पिपासु हो गया उस सुंदरी को अपने हरम में शामिल करने के लिए। अल्ला-उ-द्दीन ने चित्तौड़ (मेवाड़ की राजधानी) की ओर कूच किया अपनी अत्याधुनिक हथियारों से लेश सेना के साथ। मकसद था चित्तौड़ पर चढ़ाई कर उसे जीतना और रानी पद्मिनी को हासिल करना। ज़ालिम सुलतान बढा जा रहा था, चित्तौड़गढ़ के नज़दीक आये जा रहा था। उसने चित्तौड़गढ़ में अपने दूत को इस पैगाम के साथ भेजा कि अगर उसको रानी पद्मिनी को सुपुर्द कर दिया जाये तो वह मेवाड़ पर आक्रमण नहीं करेगा।

रणबाँकुरे राजपूतों के लिए यह सन्देश बहुत शर्मनाक था। उनकी बहादुरी कितनी ही उच्चस्तरीय क्यों ना हो, उनके हौसले कितने ही बुलंद क्यों ना हो, सुलतान की फौजी ताक़त उनसे कहीं ज्यादा थी। रणथम्भोर के किले को सुलतान हाल ही में फतह कर लिया था ऐसे में बहुत ही गहरे सोच का विषय हो गया था सुल्तान का यह घृणित प्रस्ताव, जो सुल्तान की कामुकता और दुष्टता का प्रतीक था। कैसे मानी जा सकती थी यह शर्मनाक शर्त।

नारी के प्रति एक कामुक नराधम का यह रवैय्या क्षत्रियों के खून खौला देने के लिए काफी था।  रतन सिंह जी ने सभी सरदारों से मंत्रणा की, कैसे सामना किया जाय इस नीच लुटेरे का जो बादशाह के जामे में लिपटा हुआ था। कोई आसान रास्ता नहीं सूझ रहा था। मरने मारने का विकल्प तो अंतिम था। क्यों ना कोई चतुराईपूर्ण राजनीतिक कूटनीतिक समाधान समस्या का निकाला जाय ?

रानी पद्मिनी न केवल अनुपम सौन्दर्य की स्वामिनी थी, वह एक बुद्धिमता नारी भी थी। उसने अपने विवेक से स्थिति पर गौर किया और एक संभावित हल समस्या का सुझाया। अल्ला-उ-द्दीन को जवाब भेजा गया कि वह अकेला निरस्त्र गढ़ (किले) में प्रवेश कर सकता है, बिना किसी को साथ लिए, राजपूतों का वचन है कि उसे किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया जायेगा....हाँ वह केवल रानी पद्मिनी को देख सकता है...बस. उसके पश्चात् उसे चले जाना होगा चित्तौड़ को छोड़ कर... जहाँ कहीं भी, उम्मीद कम थी कि इस प्रस्ताव को सुल्तान मानेगा। किन्तु आश्चर्य हुआ जब दिल्ली के आका ने इस बात को मान लिया। निश्चित दिन को अल्ला-उ-द्दीन पूर्व के चढ़ाईदार मार्ग से किले के मुख्य दरवाज़े तक चढ़ा, और उसके बाद पूर्व दिशा में स्थित सूरजपोल तक पहुंचा। अपने वादे के मुताबिक वह नितान्त अकेला और निरस्त्र था, पद्मिनी के पति रावल रतन सिंह ने महल तक उसकी अगवानी की। महल के उपरी मंजिल पर स्थित एक कक्ष कि पिछली दीवार पर एक दर्पण लगाया गया, जिसके ठीक सामने एक दूसरे कक्ष की खिड़की खुल रही थी...उस खिड़की के पीछे झील में स्थित एक मंडपनुमा महल था जिसे रानी अपने ग्रीष्म विश्राम के लिए उपयोग करती थी। रानी मंडपनुमा महल में थी जिसका बिम्ब खिडकियों से होकर उस दर्पण में पड़ रहा था अल्लाउद्दीन को कहा गया कि दर्पण में झांके। हक्केबक्के सुलतान ने आईने की जानिब अपनी नज़र की और उसमें रानी का अक्स उसे दिख गया ...तकनीकी तौर पर उसे रानी साहिबा को दिखा दिया गया था..सुल्तान को एहसास हो गया कि उसके साथ चालबाजी की गयी है, किन्तु बोल भी नहीं पा रहा था, मेवाड़ नरेश ने रानी के दर्शन कराने का अपना वादा जो पूरा किया था......और उस पर वह नितान्त अकेला और निरस्त्र भी था।

परिस्थितियां असमान्य थी, किन्तु एक राजपूत मेजबान की गरिमा को अपनाते हुए, दुश्मन अल्लाउद्दीन को ससम्मान वापस पहुँचाने मुख्य द्वार तक स्वयं रावल रतन सिंह जी गये थे .....अल्लाउद्दीन ने तो पहले से ही धोखे की योजना बना रखी थी। उसके सिपाही दरवाज़े के बाहर छिपे हुए थे...दरवाज़ा खुला....रावल साहब को जकड लिया गया और उन्हें पकड़ कर शत्रु सेना के खेमे में कैद कर दिया गया।
रावल रतन सिंह दुश्मन की कैद में थे।  अल्लाउद्दी

*एक खूबसूरत सोच*


‬:👌::  *एक   खूबसूरत   सोच*  ::👌:

                     अगर कोई पूछे कि जिंदगी में क्या खोया और क्या पाया ? .... .... तो बेशक कहना, जो कुछ खोया वो मेरी नादानी थी और जो भी पाया वो प्रभू की मेहेरबानी थी। क्या खुबसूरत रिश्ता है मेरे और मेरे भगवान के बीच में, ज्यादा मैं मांगता नहीं और कम वो देता नहीं...✍”॥
                     

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 ☄जीवन के तीन मंत्र☄


☄ *आनंद में  -  वचन मत दीजिये*

☄ *क्रोध में  -  उत्तर मत दीजिये*

☄ *दुःख में  -  निर्णय मत लीजिये*



 💐💎    जीवन मंत्र      💎💐


१) धीरे बोलिये      👉  शांति मिलेगी
२) अहम छोड़िये   👉  बड़े बनेंगे
३) भक्ति कीजिए   👉  मुक्ति मिलेगी
४) विचार कीजिए  👉  ज्ञान मिलेगा
५) सेवा कीजिए    👉  शक्ति मिलेगी
६) सहन कीजिए   👉  देवत्व मिलेगा
७) संतोषी बनिए   👉  सुख मिलेगा


                    "इतना छोटा कद रखिए कि सभी आपके साथ बैठ सकें। और इतना बड़ा मन रखिए कि जब आप खड़े हो जाऐं, तो कोई बैठा न रह सके।"

              👌 शानदार बात👌

                     झाड़ू जब तक एक सूत्र में बँधी होती है, तब तक वह "कचरा" साफ करती है।

                      लेकिन वही झाड़ू जब बिखर जाती है, तो खुद कचरा हो जाती है।

                     इस लिये, हमेशा संगठन से बंधे रहें , बिखर कर कचरा न बनें।

💐🌴🍁🌾🌷🌻🎄🌱🎋

                      🙏

रामायण में सभी राक्षसों का वध हुआ था।


रामायण में सभी राक्षसों का वध हुआ था।
 लेकिन💥 सूर्पनखा का वध नहीं हुआ था
उसकी नाक और कान काट कर छोड़ दिया गया था ।
वह कपडे से अपने चेहरे को छुपा कर
रहती थी ।

रावन के मर जाने के बाद वह
अपने पति के साथ शुक्राचार्य के पास
गयी और जंगल में उनके आश्रम में रहने लगी ।

राक्षसों का वंश ख़त्म न
हो
इसलिए, शुक्राचार्य ने शिव
जी की आराधना की ।

शिव जी ने
अपना स्वरुप शिवलिंग शुक्राचार्य को दे कर कहा की जिस दिन कोई "वैष्णव" इस पर
गंगा जल चढ़ा देगा उस दिन
राक्षसों का नाश हो जायेगा ।

उस आत्म लिंग को शुक्राचार्य ने वैष्णव मतलब हिन्दुओं से दूर रेगिस्तान में स्थापित किया

जो आज अरब में "मक्का मदीना" में है ।
सूर्पनखा जो उस समय चेहरा ढक कर रखती थी वो परंपरा को उसके बच्चो ने पूरा निभाया ओर आज भी मुस्लिम औरतें चेहरा ढकी रहती हैं।

सूर्पनखा के वंसज
आज मुसलमान कहलाते हैं ।
क्यूँकी शुक्राचार्य ने इनको जीवन दान
दिया , इस लिए ये शुक्रवार को विशेष
महत्त्व देते हैं ।

पूरी जानकारी तथ्यों पर आधारित सच है।⛳

जानिए इस्लाम कैसे पैदा हुआ..

👉असल में इस्लाम कोई धर्म नहीं है .एक मजहब है..
    दिनचर्या है..

👉मजहब का मतलब अपने कबीलों के गिरोह को बढ़ाना..

👉यह बात सब जानते है की मोहम्मदी मूलरूप से अरब वासी है ।

👉अरब देशो में सिर्फ रेगिस्तान पाया जाता है.वहां जंगल नहीं है, पेड़ नहीं है. इसीलिए वहां मरने के बाद जलाने
के लिए लकड़ी न होने के कारण ज़मीन में दफ़न कर दिया जाता था.

👉रेगिस्तान में हरीयाली नहीं होती.. ऐसे में रेगिस्तान में हरा चटक रंग देखकर इंसान चला आता की यहाँ  जीवन है ओर ये हरा रंग सूचक का काम करता था..

👉अरब देशो में लोग रेगिस्तान में तेज़ धुप में सफ़र करते थे, इसीलिए वहां के लोग सिर को ढकने के लिए
टोपी 💂पहनते थे।
जिससे की लोग बीमार न पड़े.

👉अब रेगिस्तान में खेत तो नहीं थे, न फल, तो खाने के लिए वहा अनाज नहीं होता था. इसीलिए वहा के
लोग 🐑🐃🐄🐐🐖जानवरों को काट कर खाते थे. और अपनी भूख मिटाने के लिए इसे क़ुर्बानी का नाम दिया गया।

👉रेगिस्तान में पानी की बहुत कमी रहती थी,💧 इसीलिए लिंग (मुत्रमार्ग) साफ़ करने में पानी बर्बाद न हो जाये इसीलिए लोग खतना (अगला हिस्सा काट देना ) कराते
थे।

👉सब लोग एक ही कबिले के खानाबदोश होते थे इसलिए
आपस में भाई बहन ही निकाह कर लेते थे।

👉रेगिस्तान में मिट्टी मिलती नहीं थी मुर्ती बनाने को इसलिए मुर्ती पुजा नहीं करते थे| खानाबदोश थे ,

👉 एक जगह से दुसरी जगह
जाना पड़ता था इसलिए कम बर्तन रखते थे और एक थाली नें पांच लोग खाते थे|

👉कबीले की अधिक से अधिक संख्या बढ़े इसलिए हर एक
को चार बीवी रखने की इज़ाजत दी जाती थी
..
🔥अब समझे इस्लाम कोई धर्म नहीं मात्र एक कबीला है..
और इसके नियम असल में इनकी दिनचर्या है ।

नोट : पोस्ट पढ़के इसके बारे में सोचो।

#इस्लाम_की_सच्चाई

        अगर हर हिँदू माँ-बाप अपने बच्चों को बताए कि अजमेर दरगाह वाले ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती ने किस तरह इस्लाम कबूल ना करने पर पृथ्वीराज चौहान की पत्नी संयोगिता को मुस्लिम सैनिकों के बीच बलात्कार करने के लिए निर्वस्त्र करके फेँक दिया था ।

और फिर किस तरह पृथ्वीराज चौहान की वीर पुत्रियों ने आत्मघाती बनकर मोइनुद्दीन चिश्ती को 72 हूरों के पास भेजा था ।
तो शायद ही कोई हिँदू उस मुल्ले की कब्र पर माथा पटकने जाए

"अजमेर के ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती को ९० लाख हिंदुओं को इस्लाम में लाने का गौरव प्राप्त है ।
 मोइनुद्दीन चिश्ती ने ही मोहम्मद गोरी को भारत लूटने के लिए उकसाया और आमंत्रित किया था...

(सन्दर्भ - उर्दू अखबार "पाक एक्सप्रेस, न्यूयार्क १४ मई २०१२).

अधिकांश मुर्दा हिन्दू तो शेयर भी नहीं करेंगे,,धिक्कार है ऐसे हिन्दुओ पर !!

थोडुंक गुजरात विशेनुं ज्ञान



थोडुंक गुजरात विशेनुं ज्ञान ताजुं
करी लईए ...📚
📕स्थापना : 1 may 1960
📗पहेला नुं पाटनगर : अमदावाद
📘हाल नुं पाटनगर : गांधीनगर
📙राज्यगीत : जय जय गरवी गुजरात
📒राज्यभाषा : गुजराती
📕राज्यप्राणी : सिंह
📒राज्यपक्षी : सुरखाब
📔राज्यवृक्ष : आंबो
📙राज्यफूल : गलगोटो
📗राज्यनृत्य : गरबा
📕राज्यरमत : कब्बडी
📘प्रथम राज्यपाल : महेंदी नवाजगंज
📙प्रथम मुख्यमंत्री : डो जीवराज महेता
M L A सीट : 182
M P सीट : 26
📔राज्यसभा सीट :11
📒जील्ला : 33
📕जील्ला पंचायत :33
नगरपालिका : 169
📗महानगरपालिका : 8
📘तालुका : 249
📙तालुका पंचायत : 249
📒गामडा : 18192
📔ग्रामपंचायत : 13187
📕कुल वस्ती : 6,03,83 628( वर्ष 2011
मुजब )
📗पुरुष : 3,14,82,282
📘स्त्रीओ : 2,89,01,346
📙हाल ना मुख्यमंत्री : विजय रुपानी
👣👣👣👣👣👣l
गुजराती ओ नो दबदबो आखा भारत पर
● प्रधानमंत्री - गुजराती
( मोदीजी )
● बीजेपी ना राष्ट्रिय अध्यक्ष-
गुजराती ( अमित शाह )
● भारत मा सौथी धनिक जे परिवार छे ते -
गुजराती ( अंबानी )
● भारत ना चलन पर जेनो फोटो छे ते -
गुजराती ( गांधीजी )
● जेमनी दुनिया माँ सौथी मोटी
प्रतिमा बनवानी छे
ते - गुजराती
( सरदार पटेल)
अने,
तमने आवो सरस मेसेज मोकलनार
हुं पण "गुजराती"...

क्या है नवरात्रि और शस्त्र पूजन का रहस्य ?


क्या है नवरात्रि और शस्त्र पूजन का रहस्य ?
समस्त उर्जा का स्रोत्र अध्यात्मिक रूप से माने तो परम ब्रह्म परमेश्वर ,अकाल ,अजर-अमर ,अमूर्त,अविनाषी ,श्री हरि ,नारायण  और कण कण में रमा हुआ राम, नामों से विभूषित परम तत्व है। और उसी का मूर्त रूप या दृश्य प्रतिरूप यह सूर्य नारायण है। जबकि वैज्ञानिक रूप से समस्त उर्जा का स्रोत्र यह सूर्य ही है ।यहाँ तक कोई ज्यादा भेद नही है क्योंकि विज्ञान अभी तक सूर्य की उर्जा से ही परिचित हो पाया है और इसे बताने में अक्षम है कि आखिर यह सूर्य किस के प्रताप से उर्जा प्राप्त कर रहे हैं। संभव है आज नही तो कल ,कल नही तो परशो और परशो नही तो वर्षों बाद विज्ञान यह बताने में सक्षम हो जाये कि यह सूर्य देव ही किसी अन्य उच्च शक्ति के प्रताप से ही उर्जा प्राप्त किये हुए है। खैर हम आगे अपने प्रतिपाद उर्जा या शक्ति पर आते हैं। इस सूर्य देव के अन्दर तेजी से शक्ति पुंज एक दूसरे से टकराते हुए निरंतर अनंत उर्जा का निर्माण करते रहते हैं। पृथ्वी सहित सौर मंडल के समस्त गृह इसी उर्जा के प्रभाव से सूर्य के परिक्रमा करते रहते है और सूर्य की उर्जा से ही उर्जा प्राप्त करते हैं। पृथ्वी अपनी स्वयं की धुरी पर घूमती है, जिससे दिन और रात या यों कहें हर पहर और हर घड़ी का काल खंड तय होता है। हर पल स्थिति बदलती है और पिछला पल काल कलवित होता जाता है। इसीलिए इसका नाम काल पड़ा।और क्षरण के इस खंड का नाम क्षण अर्थात जो घट गया। और क्षणों से पल अर्थात पलक झपकने का काल बना ,पलों से घडी,घडी से पहर ,पहर से छाक,छाक से दिन और रात्रि बने दिन से वार और वार से सप्ताह ,सप्ताह से पक्ष,पक्ष से माह,माह से ऋतु,ऋतु से वर्ष और वर्ष से युग ।इस प्रकार काल की गणना होती है। अब जिस प्रकार पृथ्वी द्वारा अपनी धुरी पर घूमते समय जो सतह सूर्य की और उन्मुख होती है, तब दो संध्या काल बनते है! यहाँ संध्या ,संधि शब्द से बना है। प्रातःकाल और संध्या काल ।इन दोनों ही काल खंड ने एक  विशेष परिवर्तन होता है, पृथ्वी की उस सतह के पर्यावरण में नकरात्मक उर्जा का प्रभाव पड़ता है। ठीक इसी प्रकार 6 ऋतुओं के संधि काल में और भी अधिक् परिवर्तन होता है प्रकृति के पर्यावरण में । और एक ऋतु से दूसरी ऋतुओं में प्रवेश काल को संक्रमण काल कहा जाता  जिनमे 4 ऋतुयें तो मात्र एक रात्रि में परिवर्तित हो जाती है ।चूँकि इन ऋतुओं के परिवर्तिन काल में नकारात्मक शक्तियों का दुष्प्रभाव अधिक होता है।जिस प्रकार प्रकृति में शक्ति का या उर्जा का स्रोत्र सूर्य है, उसी प्रकार हमारे शरीर में उर्जा का स्रोत्र प्राण है और वो भी उर्जा सूर्य से ही प्राप्त करता है। और इस कारण यदि हम इस संक्रमण काल रात्रि में अपने प्राण बल को बलवान बनाते हुए जागृत रहकर अपने इष्ट के ध्यान में रहकर उनसे नजदीकी यानि उपवास( उसकी निकटता) में रहकर संक्रमण काल रात्रि का सामना करे तो नकरात्मक उर्जा,एवं भावनाए ,जिन्हें आसुरी शक्ति भी कहते का दुष्प्रभाव हम पर नहीं पड़ता। यह 4 महाकाल रात्रि है श्री कृष्ण जन्माष्ठमी,दीपावली,महाशिवरात्रि एवं होली।इन 4 महाकाल रात्रियों के अलावा 2 बसंत से ग्रीष्म ऋतू और वर्षा से सर्द ऋतू ऐसी है कि इसमें पर्यावरण के मौषम में आमूल चूल परिवर्तन होता है। इसलिए इनका संक्रमण काल 9 रात्रि है जिन्हें हम नवरात्रि नाम से जानते है ।इन 9 रात्रि में सो जाने से नकरात्मक उर्जा, उन आसुरी शक्तियों का प्रभाव हमारे प्राण बल को कमजोर करता है इसिलए इन दोनों संक्रमण काल की 9 रात्रियों में हम जप और  उपवास(अपने इष्ट की निकटता) करते है, और दिन में थोडा विश्राम करते है। सर्दी वाले नवरात्रि की समाप्ति के बाद आसुरी शक्तियों और नकरात्मक उर्जा के प्रतीक रावण पर अपने इष्ट और सकरात्मक शक्ति के प्रतीक श्री राम की विजय के रूप में विजयदशमी मनाते है। जबकि चैत्र माह वाली संक्रमण काल वाली नवरात्रि की समाप्ति पर श्री राम का अपने हृदय रूपी संसार में जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।वर्षा से सर्द ऋतु में प्रवेश के संक्रमण काल वाली कालरात्रि में शक्ति और उर्जा की प्रतीक मातृ शक्ति दुर्गा की साधना की जाती है। इस साधना में लगातार मन्त्र जप किया जाता है ताकि उर्जा का संचय हमारे प्राण में हो सके। एकम से लेकर पंचमी तक जिस मन्त्र का जप किया जाता है उसे षष्टि क़े दिन प्रातःकाल  बलि यानि त्याग किया जाता है ।यह बलि अपने इष्ट,गुरु यया मात्र शक्ति दुर्गा को(क्योंकि इन तीनों ही  शक्तियों से प्राण बल बलवान होताहै) इसी जप किये गये मन्त्र को भेट की प्रक्रिया का नाम बलि है। इसके बाद षष्टी, सप्तमी और अष्टमी को जो जप किया जाता है उसे नवमी को अपने गुरु,मात्रशक्ति दुर्गा यअ इष्ट के प्रति बलिदान किया जाता है। चूँकि किसी भी शक्ति के प्रदर्शन एवं शक्ति या उर्जा का प्रतीक शस्त्र एवं अ

भारत, चीन वर्ष - 1962,


वर्ष - 1962,
भारत-चीन युद्ध

==चीन==
सैनिक - 80,000
शहीद - 722
घायल - 1697

==भारत==
सैनिक - 10,000 से 12,000
शहीद - 1383
घायल - 1047
लापता - 1696
बंदी - 3968

परिणाम - भारत, चीन से हार गया…!

चीन अभी तक सुधरा भी नहीं है।
लेकिन हमे क्या ??

53 साल पहले की बात भूल कर हम तो चीनी सामान खरीदेंगे....

उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत करेंगे !!

सैनिक तो होते ही मरने के लिए है !!
नेता मुंह से बोल देते है.....हमारा व्यवहार बोलता है !!

मर जाएंगे क्या हम बिना चीनी सामान के ??


अगर नहीं.....तो याद उन्हे भी कर लो.....जो लौट के घर ना आए…!!

और सीखो जापान जैसे देशो से……


काफी समय पहले की बात है अमेरिका और जापान में आपसी व्यापार बिलकुल न के बराबर था।
अमेरिका ने काफी जोर देकर जापान की सरकार से कहा कि आपके यहाँ जो संतरा (orange) होता है
हम उससे काफी सस्ता और दिखने में अच्छा संतरा आपको दे सकते है।

जापान की सरकार ने अमरीका के दबाव की वजह से आर्डर दे दिया।
जब वो संतरा जापान के बाज़ारों में बिकने के लिए पहुंचा

(आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जापानी संतरा खाने में कड़वा होता था और अमेरिका वाला संतरा खाने में अच्छा भी था। )

तो जब वो अमरीका वाला संतरा जापानी बाज़ारों में आया तो किसी ने नहीं खरीदा।

क्यों नहीं खरीदा…??


जापानी लोगो नें कहा कि चाहे मेरे देश का संतरा कड़वा और महंगा है।
पर है तो हमारे देश का ही।
हम इसे ही खरीदेंगे।


तो वो बाकी का करोड़ो रूपये का संतरा सरकार के पास पड़ा पड़ा ही सड़ गया

तो ये होती है राष्ट्भक्ति…!!

कुछ सीखो छोटी आँख वाले जापानियों से
हमारी तो आँखे भी बड़ी है और दिल भी…!!
कृपा करके इस पोस्ट को फॉरवर्ड करें …!!!

🌍दुनिया में सबसे powerfull फ़ौज सोवियत संघ 🇭🇰के पास थी ,

 जिसका खर्चा वह भारत🇮🇳 जैसे देशो को मनमाने दाम पर हथियार बेच कर उठाता था ,

परन्तु जब अमेरिका 🇬🇧और फ़्रांस🇦🇺 उससे बहुत कम कीमत में उनसे अच्छा हथियार बेचने लगे तो सोवियत 🇭🇰का बाजार टूट गया

और ९० के दशक आते आते वह अपने सेना का खर्च उठाने में असमर्थ हो गया

 परिणाम स्वरुप उसे अपने आधीन राष्ट्रों को आजादी देनी पड़ी इस प्रकार सोवियत संघ🇭🇰 का पतन हो गया ।


चीन 🇨🇳के पास भी बहुत बड़ी सेना है,


 उसे भी अपने सैनिको का खर्च उठाने के लिए अपना सामान अन्य देशो के बाजार में भेजना पड़ रहा है


यहाँ तक उसे अपने कैदियों के अंगो को भी बेच कर पैसा कमाना पड़ रहा है ।


लगभग रोज चीन 🇨🇳भारतीय सीमा 🇮🇳में घुस आता है,

 परन्तु वह वियतनाम युद्ध 🚀के बाद इस स्थिति में नहीं है कि कोई बड़ी लड़ाई 🚀लड़ सके,

 यदि चीन 🇨🇳को बिना एक गोली चलाये सबक सिखाना है तो सबसे अच्छा तरीका यही है कि हर भारतीय 🇮🇳चीनी 🇨🇳सामानों का बहिष्कार करें,

 क्योकि दुनिया का सबसे बड़ा बाजार भारत 🇮🇳है ,

किसी भी देश से यदि इतना  बड़ा बाजार छिन जाये तो उसका आधा पतन ऐसे ही हो जाएगा.


मै हर भारतीय 🇮🇳से अनुरोध 👏करता हूँ कि वह चीनी 🇨🇳सामान लेना बंद कर दें...!!


आप जितने भी ग्रुप्स में हैं सबमें फॉरवर्ड जरुर करें....धन्यवाद 🙏

👉बॉर्डर पर जंग🚀 नही लड़ 👊सकते पर इतना तो कर सकते हैं।
🇮🇳

इतनी जानकारी जरूर रखें-


इतनी जानकारी जरूर रखें-
भारत का राष्ट्रीय ध्वज - तिरंगा
भारत का राष्ट्रीय गान - जन-गन-मन
भारत का राष्ट्रीय गीत - वन्दे मातरम्
भारत का राष्ट्रीय चिन्ह - अशोक स्तम्भ
भारत का राष्ट्रीय पंचांग - शक संवत
भारत का राष्ट्रीय वाक्य - सत्यमेव जयते
भारत की राष्ट्रीयता - भारतीयता
भारत की राष्ट्र भाषा - हिंदी
भारत की राष्ट्रीय लिपि - देव नागरी
भारत का राष्ट्रीय ध्वज गीत - हिंद देश
का प्यारा झंडा
भारत का राष्ट्रीय नारा - श्रमेव जयते
भारत की राष्ट्रीय विदेशनीति -गुट निरपेक्ष
भारत का राष्ट्रीय पुरस्कार - भारत रत्न
भारत का राष्ट्रीय सूचना पत्र - श्वेत पत्र
भारत का राष्ट्रीय वृक्ष - बरगद
भारत की राष्ट्रीय मुद्रा - रूपया
भारत की राष्ट्रीय नदी - गंगा
भारत का राष्ट्रीय पक्षी - मोर
भारत का राष्ट्रीय पशु - बाघ
भारत का राष्ट्रीय फूल - कमल
भारत का राष्ट्रीय फल - आम
भारत की राष्ट्रीय योजना - पञ्च वर्षीय योजना
भारत का राष्ट्रीय खेल - हॉकी
भारत की राष्ट्रीय मिठाई - जलेबी
भारत के राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) और 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस
आप सबसे निवेदन है की
चुटकले भेजने की बजाय यह
सन्देश सबको भेजे ताकि लोग
जान सके । जानकारी अच्छी लगी तो कम से कम दो गुरुप मे शेयर करें जिससे और भी देशवासियों को भारत के बारे मे पता चले

*कैसे विकास हो उस देश का ..?*


*कैसे विकास हो उस देश का ..?*
            👇
जहां डेढ लाख सैलरी हर महीना पाने वाले सांसदो की सैलरी Income Tax Free ........
             👇
             और
              👇
 *24 घंटे मौत की छांव मे रहने वाले सिपाही को बीस हजार सैलरी पर भी Income Tax देना पडता है ...!*

👉  सांसदो को परिवार के साथ रहते हुए भी हर साल पचास हजार Phone Call Free ....
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 *घर सें हजारों km दूर बैठे सैनिक को एक Call भी Free नहीं ..?*

👉  एक सांसद को फर्नीचर के लिए 75000 हजार रु
                 👇
 *बार्डर पर सैनिक को ड्यूटी के दौरान बारिस से बचने के लिए टूटी हुई छप्पर ...*

👉  सांसद को हर साल 34 हवाई टिकट मुफ्त ..!
                 👇
 *सैनिक ड्यूटी जाते हुए भी अपने पैसे से टिकट लेता है ....!*

👉  सांसद को वाहन के लिए 400000/-  का intetest Free लोन

👉    *एक सैनिक को घर के लिए लोन भी 12% दर से मिलता है* ....

👆👆👆और ये सब वहां हो रहा है जहां पूरा देश इस सैनिक की वजह सें अपने परिवार के साथ चैन सें सोता है ..!
                   
🇮🇳

*एक बेटी ने*
*अपनी मां से पूछा :-*

👉  मां रेडियो पे सुना ईंडिया जीत गई ..!

*जो खेल रहे थे उन्हे एक करोड़*
*रुपिया मिला ..!*
                  👇
मां बोली : –  हाँ बेटी ..!
                  👇
😊 *सरकार कहती है वो देश के लिए खेल रहे थे इसलिए ..!*
                👇
👉  *बेटी आसमान में हैलीकॉप्टर से लटकते जवान को देख के बोली* :-
         मां क्या इन्हे भी मिलेगा एक करोड़ ..?
          👇
😊  *मां बोली – ना बेटी ना ..?*
            👇
*हमारे यहां बल्ले से खेलने वाले को ईनाम मिलता है ..!*

  *जान से खेलने वाले को नही ..!!*  👈

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    *उपरोक्त विचार यदि हृदय को स्पर्श करे तो निवेदन है इसे दूसरे ग्रुपों में अग्रेषित करें ..!*
                   
          🇮🇳  *जय हिन्द*  🇮🇳

*कैसे विकास हो उस देश का ..?*


*कैसे विकास हो उस देश का ..?*
            👇
जहां डेढ लाख सैलरी हर महीना पाने वाले सांसदो की सैलरी Income Tax Free ........
             👇
             और
              👇
 *24 घंटे मौत की छांव मे रहने वाले सिपाही को बीस हजार सैलरी पर भी Income Tax देना पडता है ...!*

👉  सांसदो को परिवार के साथ रहते हुए भी हर साल पचास हजार Phone Call Free ....
        👇
 *घर सें हजारों km दूर बैठे सैनिक को एक Call भी Free नहीं ..?*

👉  एक सांसद को फर्नीचर के लिए 75000 हजार रु
                 👇
 *बार्डर पर सैनिक को ड्यूटी के दौरान बारिस से बचने के लिए टूटी हुई छप्पर ...*

👉  सांसद को हर साल 34 हवाई टिकट मुफ्त ..!
                 👇
 *सैनिक ड्यूटी जाते हुए भी अपने पैसे से टिकट लेता है ....!*

👉  सांसद को वाहन के लिए 400000/-  का intetest Free लोन

👉    *एक सैनिक को घर के लिए लोन भी 12% दर से मिलता है* ....

👆👆👆और ये सब वहां हो रहा है जहां पूरा देश इस सैनिक की वजह सें अपने परिवार के साथ चैन सें सोता है ..!
                   
🇮🇳

*एक बेटी ने*
*अपनी मां से पूछा :-*

👉  मां रेडियो पे सुना ईंडिया जीत गई ..!

*जो खेल रहे थे उन्हे एक करोड़*
*रुपिया मिला ..!*
                  👇
मां बोली : –  हाँ बेटी ..!
                  👇
😊 *सरकार कहती है वो देश के लिए खेल रहे थे इसलिए ..!*
                👇
👉  *बेटी आसमान में हैलीकॉप्टर से लटकते जवान को देख के बोली* :-
         मां क्या इन्हे भी मिलेगा एक करोड़ ..?
          👇
😊  *मां बोली – ना बेटी ना ..?*
            👇
*हमारे यहां बल्ले से खेलने वाले को ईनाम मिलता है ..!*

  *जान से खेलने वाले को नही ..!!*  👈

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    *उपरोक्त विचार यदि हृदय को स्पर्श करे तो निवेदन है इसे दूसरे ग्रुपों में अग्रेषित करें ..!*
                   
          🇮🇳  *जय हिन्द*  🇮🇳

विटामिन का आविष्कार ABCD........


विटामिन का आविष्कार किसने किया- "फंक"
.
*** विटामिन"AऔरB" का आविष्कार किसने किया- "मेकुलन" ने
,
*** विटामिन "C" का आविष्कार किसने किया- "हॉवकट" ने
.
*** विटामिन"D" का आविष्कार किसने किया- " हॉफ किंग्स" ने
.
*** "होमोपोथी" का आविष्कार किसने किया- "हैनीमैन" ने
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*** "डायवीटिज" का आविष्कार किसने किया- "बेटिंग" ने
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*** "पोलियो" का आविष्कार किसने किया- "जॉन-ई-साल्क" ने
.
*** "वैक्ट्रीया" का आविष्कार किसने किया- "ल्यूवेन हॉक" ने
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*** "चेचक" के टिके का आविष्कार किसने किया- " एडवर्ड जेनरल" ने
.
*** "ईन्सूलिन" का आविष्कार किसने किया- "वेटिंग" ने
.
*** "गर्भ निरोधक गोलियां" का आविष्कार किसने किया- "पिनकस" ने
.
*** "tv वैक्ट्रिया" का आविष्कार किसने किया- " रॉबर्ट कोच" ने
.
*** "DNA" का आविष्कार किसने किया- " जेम्स वाट सन तथा क्रीक" ने
.
*** "पेनीसिल" का आविष्कार किसने किया- " अलेग्जेनडर फ्लेमिंग" ने
.
*** "विषाणु" कि खोज किसने कि थी- "इवानोवस्की" ने,
भारत के प्रमुख व्यक्ति एवं उनके कार्य-

1." ओउम जय जगदीश हरे "आरती के लेखक - श्रद्धाराम फिल्लौरी

2.वन महोत्सव के जनक   - के.एम. मुंशी

3.सिनेमा के जनक - दादा साहब फाल्के        

4.पंचायती राज के जनक   - बलवन्त राय मेहता

5. परमाणु कार्यक्रम के जनक- होमी जहांगीर भाभा

6.भारतीय अर्थशास्त्र के जनक- एम.विश्वेश्वररैया

7.माऊट एवरेस्ट की खोज  -  जार्ज एवरेस्ट

8.हरित क्रांति के जनक- एम.एस.स्वामीनाथन

9.श्वेत क्रांति के जनक-  वर्गीस कुरियन

10.नागरिक उड्डयन के जनक   -जे.आर.डी.टाटा

11.जयपुर फुट के निर्माता  - प्रमोद करण सेठी

12.आधुनिक पुलिस एक्ट के निर्माता   -बर्टल फ्रेरे

13.सिविल सेवा के जनक  - कार्नवालिस

14.भूदान आन्दोलन के जनक -विनोबा भावे

15.चिपको आन्दोलन के  जनक -सुन्दरलाल बहुगुणा- चंडी प्रसाद भट्ट

16.नक्सलवाद के जनक  -चारू मजूमदार

17.जनहित याचिका के जनक  - पी.एन.भगवती

18.लोक अदालत के  जनक - पी.एन.भगवती

19.लाइफ लाईन एक्सप्रेसके  जनक  - जान विल्शन

20.ब्लेक होल के खोज  -  जयंत नार्लीकर

21.मिसाइल कार्यक्रम के जनक - ए.पी.जे.अब्दुल कलाम

22.नर्मदा बचाओं आन्दोलन- मेघा पाटकर

23.पौधो में जीवन की खोज- जगदीश चन्दु बसु

24.हिन्दू विधि निर्माता -   मनु

25.आधुनिक तिरंगा के निर्माता  -  पिगली वेंकैया

26.खुले जेल के संस्थापक - सम्पूर्णानंद

27.भारत जोडो आंदोलन  -  बाबा आम्टे

28.बंधुआ मजदूर उन्मूलन आंदोलन  -  स्वामी अग्निवेश

29.बालविवाह निषेध कानून का निर्माण  -हरविलास शारदा

30.विधवा पुर्नविवाह आन्दोलन- ईश्वर चन्द्र विद्यासागर

31.जल संरक्षण आन्दोलन- राजेन्द्र सिंह

32.प्रोजेक्ट टाईगर-  कैलाश सांख्ला

33.देशी रियासतों का एकीकरण- बल्लभभाई पटेल

34.ह्दय परिवर्तन-   जयप्रकाश नारायण

35.उर्दू कविता के जनक-  अमीर खुसरों

36.सितार के जनक-  अमीर खुसरों

37.शून्यवाद-    नागार्जुन

38.वेदों का  पुनरुत्थान -  दयानंद सरस्वती

39.वर्धा शिक्षा प्रणाली-  डा. जाकिर हुसैन

40. स्त्री शिक्षा- केशव कर्वे

41.गुरूग्रंथ साहिब संकलन-  गुरू अर्जुन देव

42.कांग्रेस समाजवादी दल -जयप्रकाश नारायण

43.निर्गुन ब्रह्म के संस्थापक- कबीर

44.रस चिकित्सा-   नागार्जुन

45.सिख राज्य के संस्थापक- रणजीत सिंह

46.कम्प्यूटर क्रांति-   सैम पित्रोदा

47.सनातन धर्म के संस्थापक-  शंकराचार्य

48.आधुनिक बंगाल के निर्माता- सुरेन्द्र नाथ बनर्जी

49.मालगुजारी व्यवस्था-   टोडरमल

50.द्विराष्ट्र सिद्धांत-  सैय्यद अहमद खां

51.खालिस्तान आन्दोलन- डा. जगजीत सिंह चैहान

52.भारत छोड़ो आंदोलन  -  गांधी जी

53.अशोक के शिलालेखो को सर्वप्रथम पढ़ने वाला- जेम्सप्रिन्सेप

54.अशोक के शिलालेखों की खोज- पान्द्रेटीपेन्टोलर

55.अशोक को बौद्ध धर्म में दीक्षित किया- उपगुप्त

56. गुप्त वंश की स्थापना - श्रीगुप्त

57. एरण की खोज -   के .डी. बाजपेई

58. भीमबैठका की खोज - श्रीधर वाकणकर

59. सांची स्तपों का निर्माण - अशोक

60. सांची स्तूपों की खोज - जनरल टेलर

61. खजुराहों मंदिरों का निर्माण -नरसिंह वर्मन (चंदेलराजा)

62. खजुराहों मंदिरों की खोज - अल्फ्रेड लायल

63. कुषाण वंश का संस्थापक - कुजुल कदफिस

64. आयुर्वेद के जनक    -  धन्वंतरि

65. शल्य चिकित्सा -   सुश्रुप्त

66. सूर्य सिद्धांत -    आर्यभट्ट

67. राजपूतों की उत्पत्ति का अग्निकुंड सिद्धांत  -  चंदबरदाई

68. सिन्धु सभ्यता की खोज- दयाराम साहनी एवं राखलदास बनर्जी

69. पुरातत्व विभाग का संस्थापक -  अलेक्जेन्डर कर्निघम

70. वेदों का अध्ययन   - मैक्समूलर (जर्मनी)

71.पाटलीपुत्र का सस्थापक - उदयन

72. विक्रम संवत्  - राजा विक्रमादित्य

73. शक संवत् -   कनिष्क

74. मौर्य वंश का संस्थापक -  चन्

धीरेन्द्र सिंह आतंकवादियो से लोहा लेते शहीद


#‎मोदी_और_राजनाथ_तेरे_राज_में_ओर_कितने_शहिद‬
कुपवाड़ा मे रीवा का 26 वर्षीय वीर सपूत धीरेन्द्र सिंह आतंकवादियो से लोहा लेते शहीद !

रीवा ~ सेना के आरआर रेजीमेंट में मेजर पद पर पदस्थ रीवा के बेलवा पैकान गांव का युवक आतंकवादियों के हमले में शहीद हो गये है। इसकी जानकारी परिवार के लोगों को सेना द्वारा दी गई है। बीते 23 जुलाई को कूपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा के पास सर्चिंग के दौरान आतंकवादियों ने सेना की टुकड़ी पर हमला बोल दिया था। जिसमें सेना की ओर से भी जवाबी फायर किया गया।
इस घटना में बेलवा पैकान निवासी धीरेन्द्र सिंह (26) और एक अन्य जवान को गोली लगी। धीरेन्द्र को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया था जहां पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। एक वर्ष पूर्व ही विवाह हुआ था, घटना की जानकारी मिलते ही परिवार सहित पूरे गांव में मातम छा गया है। जानकारी मिली है कि मंगलवार को सेना के दिल्ली स्थित मुख्यालय पार्थिव शरीर लाया गया जहां पर सलामी दी गई।

प्रधानमंत्री जी और गृहमंत्री जी आपसे पूछना चाहते है हम आजादी के इतने सालो बाद भी ऐसी कौनसी चुडिया पहने बेठे हो आप लोग कोई 19 साल कोई 21 साल कोई 26 साल का वीरगति को जाता है कोई औरत 2 माह बाद विधवा हो जाती है कोई माँ 20 साल के युवा को खो देती हज और तुम सत्ता में होते हुए भी कुछ नही कर पाते इन सब की ‪#‎हाय‬ तुम्हे जरूर लगेगी
ज्यादा से ज्यादा एक मूर्ति लगवाकर सिर्फ वाहवही बटोरने आ जाते हो धिक्कार है तुम जैसो पर शर्म आती है अपने ‪#‎भाइयो‬ को खोते देख

आप भी जानिये धारा 370


आप भी जानिये धारा 370

जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है ।
-------------- -------------------- -
जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है ।
-----------------
जम्मू - कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है
जबकी भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5
वर्ष का होता है ।
-----------------
जम्मू-कश्मीर के अन्दर भारत के राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय
प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है ।
----------------
भारत के उच्चतम न्यायलय के आदेश जम्मू - कश्मीर के अन्दर
मान्य नहीं होते हैं ।
----------------------
भारत की संसद को जम्मू - कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यंत सीमित
क्षेत्र में कानून बना सकती है ।
----------------------
जम्मू कश्मीर की कोई महिला यदि भारत के किसी अन्य राज्य के
व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त
हो जायेगी । इसके विपरीत यदि वह पकिस्तान के
किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू - कश्मीर
की नागरिकता मिल जायेगी ।
-------------
और
----------------------
धारा 370 की वजह से कश्मीर में RTI लागु नहीं है । RTE लागू
नहीं है ।
CAG लागू नहीं होता । …। भारत का कोई भी कानून लागु
नहीं होता ।
---------------------
कश्मीर में महिलाओ पर शरियत कानून लागु है ।
कश्मीर में पंचायत के अधिकार नहीं ।
कश्मीर में चपरासी को 2500 ही मिलते है ।
कश्मीर में अल्पसंख्यको [ हिन्दू- सिख ] को 16 % आरक्षण
नहीं मिलता ।
----------------------
धारा 370 की वजह से कश्मीर में बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद
सकते है ।
----------------------
धारा 370 की वजह से ही पाकिस्तानियो को भी भारतीय
नागरीकता मिल जाता है ।
इसके लिए पाकिस्तानियो को केवल किसी कश्मीरी लड़की से
शादी करनी होती है ।
----------------------
अच्छी शुरुवात है कम से कम 370 हटाने की दिशा में एक कदम
आगे की ओर मोदी जी को धन्यवाद जो उन्होनें धारा 370
का मुद्दा उठाया ।
अब यदि कोई सेकुलर इन तथ्यों के विषय में कुछ कहना चाहे
तो स्वागत हैं...ओ
370 धारा हटाना ही है इसलिए मेसेज को ज्यादा से ज्यादा फैलाओ
कश्मीर में आप
तिरंगा नहीं फहरा सकते,
कन्याकुमारी में
रिक्शे के पीछे आप जय श्री राम
नहीं लिख सकते,
हैदराबाद में मन्दिर की आप
घंटी नहीं बजा सकते, कलकत्ता में
आप अपने घर के दरवाजे पर
बजरंगबली की मूर्ति नहीं लगा सकते.
फिर कैसे कहूं की कश्मीर से
कन्याकुमारी तक भारत एक है ??

आपको सिर्फ 3 लोगो को मेसेज जरुर करना है ,
जनहित का ये मेसेज सिर्फ आप सब के पढने के लिए नहीं है.... आगे क्या करना है इस मेसेज का, आप खुद समझदार है

मेसेज पास कर के व्हाट्स एप्प का सर्वर जाम करे।।।।

व्हाट्स एप्प की तरफ से पूरी आजादी है.... भारत माता की जय
Jai Hind Jai Bharat...

ગુજરાત રાજપૂત (ક્ષત્રિય) વોલીબોલ લીગ - ૨૦૧૬


ગુજરાત રાજપૂત (ક્ષત્રિય) વોલીબોલ લીગ - ૨૦૧૬
(G.R.V.L - 2016)
ગુજરાત રાજ્યના રાજપૂત (ક્ષત્રિય) સમાજના યુવાઓ (દીકરા/દીકરીઓ) માટે પાસીંગ અને શૂટિંગ માં લઈને આવી રહ્યા છે.. વોલીબોલ લીગ - ૨૦૧૬.
આ વખતે પણ એજ ફોર્મેટ થી એટલે કે ગુજરાતના ૪ અલગ અલગ ઝોન (ઉત્તર, દક્ષિણ, મધ્ય અને કચ્છ કાઠીયાવાડ) મા રમાશે મેચો. દરેક ઝોન મા કુલ ૩૨ ટીમો ભાગ લેશે જેમની વચ્ચે ઝોનલ મેચો રમાશે.. અને દરેક ઝોનમાંથી ૪ એટલે કે ૪ ઝોન માંથી કુલ ૧૬ ટીમો સ્ટેટ લેવલ પર આવશે. ઝોન ની મેચો અંદાજિત ૨૬-૨૭ નવેમ્બર ૨૦૧૬ અને સ્ટેટ લેવલ ની મેચો ૧૭-૧૮ ડિસેમ્બર ૨૦૧૬ મા રહેશે.
આ ૧૬ ટીમો વચ્ચે સ્ટેટ લેવલ ની મેચો રમાશે... જેમાથી વિનર ટીમને " G.R.V.L - 2016" ની ટ્રોફી થી સન્માનિત કરવામા આવશે.
ટૂંક જ સમયમાં સ્થળ તેમજ અન્ય માહિતી ઉપલબ્ધ કરીશું..
(પાસીંગ / શૂટિંગ) વોલીબોલ રમવા ભાગ લેવા માટે, તેમજ સ્પોન્સરશીપ તથા સ્ટેટ ની વોલીબોલ ટીમ ખરીદવા માટે આપ અમારો સમ્પર્ક કરી શકો છો...
સંપર્ક સૂત્ર :-
૯૯૦૯૧ ૧૫૫૫૫   /   ૯૯૨૫૧ ૧૨૯૯૯
૯૦૯૯૯ ૩૭૮૯૦   /   ૯૮૭૯૯ ૨૧૪૪૦

जानिए IPC में धाराओ का मतलब ..


जानिए IPC में धाराओ का मतलब .....
धारा 307 = हत्या की कोशिश
धारा 302 =हत्या का दंड
धारा 376 = बलात्कार
धारा 395 = डकैती
धारा 377= अप्राकृतिक कृत्य
धारा 396= डकैती के दौरान हत्या
धारा 120= षडयंत्र रचना
धारा 365= अपहरण
धारा 201= सबूत मिटाना
धारा 34= सामान आशय
धारा 412= छीनाझपटी
धारा 378= चोरी
धारा 141=विधिविरुद्ध जमाव
धारा 191= मिथ्यासाक्ष्य देना
धारा 300= हत्या करना
धारा 309= आत्महत्या की कोशिश
धारा 310= ठगी करना
धारा 312= गर्भपात करना
धारा 351= हमला करना
धारा 354= स्त्री लज्जाभंग
धारा 362= अपहरण
धारा 415= छल करना
धारा 445= गृहभेदंन
धारा 494= पति/पत्नी के जीवनकाल में पुनःविवाह0
धारा 499= मानहानि
धारा 511= आजीवन कारावास से दंडनीय अपराधों को करने के प्रयत्न के लिए दंड।
 हमारेे देश में कानूनन कुछ ऐसी हकीक़तें है, जिसकी जानकारी हमारे पास नहीं होने के कारण  हम अपने अधिकार से मेहरूम रह जाते है।

तो चलिए ऐसे ही कुछ  *5 रोचक फैक्ट्स* की जानकारी आपको देते है, जो जीवन में कभी भी उपयोगी हो सकती है.

👁‍🗨 *1.  शाम के वक्त महिलाओं की गिरफ्तारी नहीं हो सकती*-

कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर, सेक्शन 46 के तहत शाम 6 बजे के बाद और सुबह 6 के पहले भारतीय पुलिस किसी भी महिला को गिरफ्तार नहीं कर सकती, फिर चाहे गुनाह कितना भी संगीन क्यों ना हो. अगर पुलिस ऐसा करते हुए पाई जाती है तो गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत (मामला) दर्ज की जा सकती है. इससे उस पुलिस अधिकारी की नौकरी खतरे में आ सकती है.

👁‍🗨 *2. सिलेंडर फटने से जान-माल के नुकसान पर 40 लाख रूपये तक का बीमा कवर क्लेम कर सकते है*-

पब्लिक लायबिलिटी पॉलिसी के तहत अगर किसी कारण आपके घर में सिलेंडर फट जाता है और आपको जान-माल का नुकसान झेलना पड़ता है तो आप तुरंत गैस कंपनी से बीमा कवर क्लेम कर सकते है. आपको बता दे कि गैस कंपनी से 40 लाख रूपये तक का बीमा क्लेम कराया जा सकता है. अगर कंपनी आपका क्लेम देने से मना करती है या टालती है तो इसकी शिकायत की जा सकती है. दोषी पाये जाने पर गैस कंपनी का लायसेंस रद्द हो सकता है.

👁‍🗨 *3. कोई भी हॉटेल चाहे वो 5 स्टार ही क्यों ना हो… आप फ्री में पानी पी सकते है और वाश रूम इस्तमाल कर सकते है*-

इंडियन सीरीज एक्ट, 1887 के अनुसार आप देश के किसी भी हॉटेल में जाकर पानी मांगकर पी सकते है और उस हॉटल का वाश रूम भी इस्तमाल कर सकते है. हॉटेल छोटा हो या 5 स्टार, वो आपको रोक नही सकते. अगर हॉटेल का मालिक या कोई कर्मचारी आपको पानी पिलाने से या वाश रूम इस्तमाल करने से रोकता है तो आप उन पर कारवाई  कर सकते है. आपकी शिकायत से उस हॉटेल का लायसेंस रद्द हो सकता है.

👁‍🗨 *4. गर्भवती महिलाओं को नौकरी से नहीं निकाला जा सकता*-

मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट 1961 के मुताबिक़ गर्भवती महिलाओं को अचानक नौकरी से नहीं निकाला जा सकता. मालिक को पहले तीन महीने की नोटिस देनी होगी और प्रेगनेंसी के दौरान लगने वाले खर्चे का कुछ हिस्सा देना होगा. अगर वो ऐसा नहीं करता है तो  उसके खिलाफ सरकारी रोज़गार संघटना में शिकायत कराई जा सकती है. इस शिकायत से कंपनी बंद हो सकती है या कंपनी को जुर्माना भरना पड़ सकता है.

👁‍🗨 *5. पुलिस अफसर आपकी शिकायत लिखने से मना नहीं कर सकता*-

आईपीसी के सेक्शन 166ए के अनुसार कोई भी पुलिस अधिकारी आपकी कोई भी शिकायत दर्ज करने से इंकार नही कर सकता. अगर वो ऐसा करता है तो उसके खिलाफ वरिष्ठ पुलिस दफ्तर में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. अगर वो पुलिस अफसर दोषी पाया जाता है तो उसे कम से कम 6 महीने से लेकर 1  साल तक की जेल हो सकती है या फिर उसे अपनी नौकरी गवानी पड़ सकती है.

इन रोचक फैक्ट्स को हमने आपके लिए ढूंढ निकाला है.

ये वो रोचक फैक्ट्स है, जो हमारे देश के कानून के अंतर्गत आते तो है पर हम इनसे अंजान है. हमारी कोशिश होगी कि हम आगे भी ऐसी बहोत सी रोचक बाते आपके समक्ष रखे, जो आपके जीवन में उपयोगी हो।

*इस मैसेज को आगे भी भेजना और अपने पास सहेज कर रखना, आपके कभी भी ये अधिकार काम आ सकते हैं।*

✍अधिकार✍

जानिए IPC में धाराओ का मतलब


जानिए IPC में धाराओ का मतलब .....
धारा 307 = हत्या की कोशिश
धारा 302 =हत्या का दंड
धारा 376 = बलात्कार
धारा 395 = डकैती
धारा 377= अप्राकृतिक कृत्य
धारा 396= डकैती के दौरान हत्या
धारा 120= षडयंत्र रचना
धारा 365= अपहरण
धारा 201= सबूत मिटाना
धारा 34= सामान आशय
धारा 412= छीनाझपटी
धारा 378= चोरी
धारा 141=विधिविरुद्ध जमाव
धारा 191= मिथ्यासाक्ष्य देना
धारा 300= हत्या करना
धारा 309= आत्महत्या की कोशिश
धारा 310= ठगी करना
धारा 312= गर्भपात करना
धारा 351= हमला करना
धारा 354= स्त्री लज्जाभंग
धारा 362= अपहरण
धारा 415= छल करना
धारा 445= गृहभेदंन
धारा 494= पति/पत्नी के जीवनकाल में पुनःविवाह0
धारा 499= मानहानि
धारा 511= आजीवन कारावास से दंडनीय अपराधों को करने के प्रयत्न के लिए दंड।
 हमारेे देश में कानूनन कुछ ऐसी हकीक़तें है, जिसकी जानकारी हमारे पास नहीं होने के कारण  हम अपने अधिकार से मेहरूम रह जाते है।

तो चलिए ऐसे ही कुछ  *5 रोचक फैक्ट्स* की जानकारी आपको देते है, जो जीवन में कभी भी उपयोगी हो सकती है.

👁‍🗨 *1.  शाम के वक्त महिलाओं की गिरफ्तारी नहीं हो सकती*-

कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर, सेक्शन 46 के तहत शाम 6 बजे के बाद और सुबह 6 के पहले भारतीय पुलिस किसी भी महिला को गिरफ्तार नहीं कर सकती, फिर चाहे गुनाह कितना भी संगीन क्यों ना हो. अगर पुलिस ऐसा करते हुए पाई जाती है तो गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत (मामला) दर्ज की जा सकती है. इससे उस पुलिस अधिकारी की नौकरी खतरे में आ सकती है.

👁‍🗨 *2. सिलेंडर फटने से जान-माल के नुकसान पर 40 लाख रूपये तक का बीमा कवर क्लेम कर सकते है*-

पब्लिक लायबिलिटी पॉलिसी के तहत अगर किसी कारण आपके घर में सिलेंडर फट जाता है और आपको जान-माल का नुकसान झेलना पड़ता है तो आप तुरंत गैस कंपनी से बीमा कवर क्लेम कर सकते है. आपको बता दे कि गैस कंपनी से 40 लाख रूपये तक का बीमा क्लेम कराया जा सकता है. अगर कंपनी आपका क्लेम देने से मना करती है या टालती है तो इसकी शिकायत की जा सकती है. दोषी पाये जाने पर गैस कंपनी का लायसेंस रद्द हो सकता है.

👁‍🗨 *3. कोई भी हॉटेल चाहे वो 5 स्टार ही क्यों ना हो… आप फ्री में पानी पी सकते है और वाश रूम इस्तमाल कर सकते है*-

इंडियन सीरीज एक्ट, 1887 के अनुसार आप देश के किसी भी हॉटेल में जाकर पानी मांगकर पी सकते है और उस हॉटल का वाश रूम भी इस्तमाल कर सकते है. हॉटेल छोटा हो या 5 स्टार, वो आपको रोक नही सकते. अगर हॉटेल का मालिक या कोई कर्मचारी आपको पानी पिलाने से या वाश रूम इस्तमाल करने से रोकता है तो आप उन पर कारवाई  कर सकते है. आपकी शिकायत से उस हॉटेल का लायसेंस रद्द हो सकता है.

👁‍🗨 *4. गर्भवती महिलाओं को नौकरी से नहीं निकाला जा सकता*-

मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट 1961 के मुताबिक़ गर्भवती महिलाओं को अचानक नौकरी से नहीं निकाला जा सकता. मालिक को पहले तीन महीने की नोटिस देनी होगी और प्रेगनेंसी के दौरान लगने वाले खर्चे का कुछ हिस्सा देना होगा. अगर वो ऐसा नहीं करता है तो  उसके खिलाफ सरकारी रोज़गार संघटना में शिकायत कराई जा सकती है. इस शिकायत से कंपनी बंद हो सकती है या कंपनी को जुर्माना भरना पड़ सकता है.

👁‍🗨 *5. पुलिस अफसर आपकी शिकायत लिखने से मना नहीं कर सकता*-

आईपीसी के सेक्शन 166ए के अनुसार कोई भी पुलिस अधिकारी आपकी कोई भी शिकायत दर्ज करने से इंकार नही कर सकता. अगर वो ऐसा करता है तो उसके खिलाफ वरिष्ठ पुलिस दफ्तर में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. अगर वो पुलिस अफसर दोषी पाया जाता है तो उसे कम से कम 6 महीने से लेकर 1  साल तक की जेल हो सकती है या फिर उसे अपनी नौकरी गवानी पड़ सकती है.

इन रोचक फैक्ट्स को हमने आपके लिए ढूंढ निकाला है.

ये वो रोचक फैक्ट्स है, जो हमारे देश के कानून के अंतर्गत आते तो है पर हम इनसे अंजान है. हमारी कोशिश होगी कि हम आगे भी ऐसी बहोत सी रोचक बाते आपके समक्ष रखे, जो आपके जीवन में उपयोगी हो।

*इस मैसेज को आगे भी भेजना और अपने पास सहेज कर रखना, आपके कभी भी ये अधिकार काम आ सकते हैं।*

✍अधिकार✍

#‎रहस्य‬ ‪#‎क्षत्रियत्व‬ ‪#‎रजपूती‬


#‎रहस्य‬ ‪#‎क्षत्रियत्व‬ ‪#‎रजपूती‬
जरूर पढे राजपूतो से जुड़े कुछ अनछुए पहलुओ को
1) अगर आप के पिता जी /दादोसा बिराज रहे है तो कोई भी शादी ,फंक्शन, मंदिर इतिआदि में आप के कभी भी लम्बा तिलक और चावल नहीं लगेगा, सिर्फ एक छोटी टीकी लगेगी !
2) पहले के वक़्त वक़्त राजपूत समाज में अमल का उपयोग इस लिए ज्यादा होता था क्योकि अमल खाने से खून मोटा हो जाता था, जिस से लड़ाई की समय मेंहदी घाव लगने पर खून कार रिसाव नहीं के बराबर होता था, और मल-मूत्र रुक जाता था जयमल मेड़तिया ने अकबर से लड़ाई के पूर्व सभी राजपूत सिरदारो को अमल पान करवाया ने
3) पहले कोई भी राजपूत बिना पगड़ी के घोड़े पर नही बैठते थे
4) सौराष्ट्र (काठियावाड़) और कच्छ में आज भी गिरासदार राजपूत घराने में अगर बेटे की शादी हो तो बारात नहीं जाती, उसकी जगह लड़केवालों की तरफ से घर के वडील (फुवासा, बनेविसा, मामासा) एक तलवार के साथ 3 या 5 की संख्या में लड़की के घर जाते हे जिसे "वेळ” या ‘खांडू" कहते है. लड़कीवाले उस तलवार के साथ विधि करके बेटीको विदा करते है. मंगल फेरे लड़के के घर लिए जाते है.
5) आज भी कही घरो में तलवार को मयान से निकालने नहीं देते, क्योकि तलवार को परंपरा है की अगर वो मयान से बाहर आई तो यहाँ तो उनके खून लगेगा, यहाँ लोहे पर बजेगी, इसलिए आज भी कभी अगर तलवार मयान से निकलते भी है तो उसको लोहे पर बजा कर ही फिर से मयान में डालते है !
6) राजपूत परम्परा के मुताबिक पिता का पहना हुआ साफा , आप नहीं पहन सकते
7) पैर में कड़ा-लंगर, हाथी पर तोरण, नांगारा निशान, ठिकाने का मोनो ये सब जागीरी का हिस्सा थे, हर कोई जागीरदार नहीं कर सकता था, स्टेट की तरफ से इनायत होते थे..!!
8) पहले सारे बड़े ताजमी ठिकानो में ठिकानेदारों को विवाह से पूर्व स्टेट महाराजा से अनुमति लेनी पढ़ती थी
9) हर राज दरबार के, ठिकाने के, यहाँ गोत्र उप्प गोत्र के इष्ट देवता होते थे, जो की ज्यादतर कृष्ण या विष्णु के अनेक रूप में से होते थे, और उनके नाम से ही गाँववाले या नाते-रिश्तेदार दुसरो को पुकारते है करते थे, जैसे की जय रघुनाथ जी की , जय चारभुजाजी की
10) मल गोलना, चिलम, हुक्का यहाँ दारू की मनवार, मकसद होता था, भाई,बंधू, भाईपे,रिश्तेदार को एक जाजम पर लाना !!मनवार का अनादर नहीं करना चाहिए, अगर आप नहीं भी पीते है तो भी मनवार के हाथ लगाके या हाथ में ले कर सर पर लगाके वापस दे दे, पीना जरुरी नहीं है , पर ना -नुकुर कर उसका अनादर न करे
11) जब सिर पर साफा बंधा होता है तोह तिलक करते समय पीछे हाथ नही रखा जाता
12) दुल्हे की बन्दोली में घोडा या हाथी हो सकता है पर तोरण पर नहीं, क्योकि घोडा भी नर है, और वो भी आप के साथ तोरण लगा रहा होता है, इस्सलिये हमेशा तोरण पर घोड़ी या हथनी होती है !!
13) एक ठिकाने का एक ही ठाकुर,राव,रावत हो सकता था, जो गद्दी पर बैठा है, बाकि के भाई,काका ये टाइटल तभी लगा सकते थे जब की उनको ठिकाने की तरफ से अलग से जागीरी मिली हो,और वो उस के जागीरदार हो, अगर वो उसी ठिकाने /राज में रह रहे हो, तो उनके लिए "महाराज" का टाइटल होता था!
14) आज भी त्योहारों पर ढोल बजने के नट,नगरसी या ढोली आते है उन्हें बैठने के लिए उचित आसान (जाजम) दिए जाते है उनके ढोल में देवी का वास होता है और ऐसे आदर के लिए किया जाता है
15) राजपूत जनाना में राजपूत महिलाये नाच गान के बाद ढोली जी और ढोलन की तरफ जुक कर प्रणाम करती है
16) नजराने के भी अलग अलग नियम थे, अगर आप छोटे ठिकानेदार हो तो महाराजा साब या महाराणा साब आप के हाथ से उठा लेते थे, पर अगर आप उमराव या सिरायती ठिकानेदार हो तो महाराजा साब या महाराणा साब आप का हाथ अपने हाथ पर उल्टा करके, अपना हाथ नीचे रख कर नजराना लेते थे !!
17) कोर्ट में अगर आप छोटे ठिकानेदार हो तो महाराजा साब या महाराणा साब आप के आने पर खड़े नहीं होते थे, पर अगर आप उमराव या सिरायती ठिकानेदार हो तो महाराजा साब या महाराणा साब आप के आने और आप के जाने पर दोनों वक्त उनको खड़ा होना पड़ता है'
18) सिर्फ राठोरो के पास "कमध्वज" का टाइटल है, इसका मतलब है, सर काटने के बाद भी लड़ने वाला !
19) राजपूतो में ठाकुर पदवी के इस्तेमाल के बारे में में कुछ बाते :यदि आपके दादोसा हुकम बिराज रहे है तो वो ही ठाकुर पदवी का प्रयोग कर सकते है, आपके दाता हुकम कुंवर का और आप भंवर का प्रयोग कर्रेंगे और आपके बना (चौथी पीढ़ी) के लिए तंवर का प्रयोग होगा.
20) एक ठिकाने में तीन से चार पाकसाला (रसोई) हो सकती थी, ठाकुरसाब, ठुकरानी के लिए विशेष पाकसाला होती थी, एक पाकसाला मरदाना में होती थी, जिस में मास इतीआदि बनते थे, जनाना में सात्विक भोजन की पाकसाला होती थी, विद्वाओ के लिए अलग भोजन बनता था, ठिकाने के कर्मचारी नौकरों के लिए अलग से पाकशाला होती थी, एक पाकशाला मेहमानों के लिए होती थी,
21) र

चुडासमा क्षत्रिय_वंश परिचय


==चुडासमा क्षत्रिय_वंश परिचय==
गोत्र : अत्रि
वंश : चन्द्रवंश / यादव / यदुवंश
शाखा : माध्यायनी
कुल देवी : अम्बा भवानी
सहायक देवी: खोडियार माँ
आदि पुरुष: आदिनारयण भगवान
कुल देवता: भगवन श्री कृष्ण
तलवार : ताती
ध्वजा : केसरी
शंख: अजय
नदी: कालिंदी
नगाड़ा : अजीत
मुख्य गद्दी : जूनागढ़
== जूनागढ़ और चुडासमा का इतिहास ==
>जुनागढ का नाम सुनते ही लोगो के दिमाग मे "आरझी हकुमत द्वारा जुनागढ का भारतसंघ मे विलय, कुतो के शोखीन नवाब, भुट्टो की पाकिस्तान तरफी नीति " जैसे विचार ही आयेंगे, क्योकी हमारे देश मे ईतिहास के नाम पर मुस्लिमो और अंग्रेजो की गुलामी के बारे मे ही पढाया जाता है, कभी भी हमारे गौरवशाली पूर्खो के बारे मे कही भी नही पढाया जाता || जब की हमारा ईतिहास इससे कई ज्यादा गौरवशाली, सतत संघर्षपूर्ण और वीरता से भरा हुआ है ||
> जुनागढ का ईतिहास भी उतना ही रोमांच, रहस्यो और कथाओ से भरा पडा है || जुनागढ पहले से ही गुजरात के भुगोल और ईतिहास का केन्द्र रहा है, खास कर गुजरात के सोरठ प्रांत की राजधानी रहा है || गिरीनगर के नाम से प्रख्यात जुनागढ प्राचीनकाल से ही आनर्त प्रदेश का केन्द्र रहा है || उसी जुनागढ पर चंद्रवंश की एक शाखा ने राज किया था, जिसे सोरठ का सुवर्णकाल कहा गया है || वो राजवंश चुडासमा राजवंश | जिसकी अन्य शाखाए सरवैया और रायझादा है ||
> मौर्य सत्ता की निर्बलता के पश्चात मैत्रको ने वलभी को राजधानी बनाकर सोरठ और गुजरात पर राज किया || मैत्रको की सत्ता के अंत के बाद और 14 शताब्दी मे गोहिल, जाडेजा, जेठवा, झाला जैसे राजवंशो के सोरठ मे आने तक पुरे सोरठ पर चुडासमाओ का राज था ||

> भगवान आदिनारायण से 119 वी पीढी मे गर्वगोड नामक यादव राजा हुए, ई.स.31 मे वे शोणितपुर मे राज करते थे || उनसे 22 वी पीढी मे राजा देवेन्द्र हुए, उनके 4 पुत्र हुए,
1) असपत, 2)नरपत, 3)गजपत और 4)भूपत
>असपत शोणितपुर की गद्दी पर रहे, गजपत, नरपत और भूपत ने एस नये प्रदेश को जीतकर विक्रम संवत 708, बैशाख सुदी 3, शनिवार को रोहिणी नक्षत्र मे 'गजनी' शहर बसाया || नरपत 'जाम' की पदवी धारण कर वहा के राजा बने, जिनके वंशज आज के जाडेजा है || भूपत ने दक्षिण मे जाके सिंलिद्रपुर को जीतकर वहां भाटियानगर बसाया, बाद मे उनके वंशज जैसलमेर के स्थापक बने जो भाटी है ||
> गजपत के 15 पुत्र थे, उसके पुत्र शालवाहन, शालवाहन के यदुभाण, यदुभाण के जसकर्ण और जसकर्ण के पुत्र का नाम समा था || यही समा कुमार के पुत्र चुडाचंद्र हुए || वंथली (वामनस्थली) के राजा वालाराम चुडाचंद्र के नाना थे || वो अपुत्र थे ईसलिये वंथली की गद्दी पर चुडाचंद्र को बिठाया || यही से सोरठ पर चुडासमाओ का आगमन हुआ, वंथली के आसपास का प्रदेश जीतकर चुडाचंद्र ने उसे सोरठ नाम दिया, जंगल कटवाकर खेतीलायक जमीन बनवाई, ई.स. 875 मे वो वंथली की गद्दी पर आये || 32 वर्ष राज कर ई.स. 907 मे उनका देहांत हो गया ||
वंथली के पास धंधुसर की हानीवाव के शिलालेख मे लिखा है :



शिव पुराण १२ : काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग


शिव पुराण १२ : काशी  विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग

काशी विश्वनाथ मंदिर हिन्दू देवस्थानों में सर्वाधिक सुप्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।  यह गंगा जी के किनारे बनारस में बसा है। मंदिर का बाहरी स्वरुप अनेक बार तोड़ दिया गया और यह पुनर्गठित हुआ।  आखिरी बार औरंगज़ेब ने इस मंदिर को तोड़ कर ज्ञानवापी मस्जिद बनवायी थी।  आज का मंदिर अहल्याबाई होल्कर (इंदौर की मराठा रानी) द्वारा बनवाया गया था।

कहते हैं कि एक बार ब्रह्मा और विष्णु में बहस हो गयी थी कि कौन बड़ा है। तब शिव जी वहां प्रकाश लिंग के रूप में प्रकट हुए थे और ब्रह्मा जी अपने हंस पर बैठ ऊपरी छोर ढूंढने निकले और विष्णु जी वराह रूप में निचला छोर। विष्णु जी ने स्वीकार किया कि मैं अंतिम छोर न ढूंढ पाया किन्तु ब्रह्मा जी ने झूठ कहा कि मैंने खोज लिया।  तब शिव जी एक और ज्योतिर्लिंग रूप में प्रकट हुए और ब्रह्मा को श्राप दिया कि उनकी पूजा न होगी क्योंकि स्वयं को पूजित बनाने  झूठ बोला था ।

यहीं पास में मणिकर्णिका मंदिर है जो सती माता का  शक्तिपीठ है ।  यह भी एक कथा है कि शिव जी ने यह स्थल अपने त्रिशूल पर उठा रखा है और इसे ब्रह्मा की सृष्टि से पृथक कर दिया था।  जब प्रलय होती है तो शिव जी इसे त्रिशूल पर रखते हैं और नए संसार में दुबारा अपने स्थान पर स्थापित कर  हैं ।

एक और कथा है कि जब शिव जी ब्रह्मा जी पर क्रुद्ध हुए तो  काल भैरव को प्रकट किया जिन्होने  ब्रह्मा जी का एक मुख काट दिया।  यह ब्रह्महत्या हुई और कटा हुआ मुख काल भैरव से जुड़ गया।  उन्होंने बहुत प्रयास किये किन्तु ब्रह्मह्त्या अलग न होती थी।  फिर कल भैरव ने काशी आकर गंगा स्नान किया और पाप मुक्त हुए ।

मंदिर  प्रांगण में ज्ञानवापी नामक कुआं है । कहते हैं आक्रमण के समय पुजारी शिवलिंग को बचाने के लिए उन्हें लेकर कुँए में कूद गए थे।

ट्रेफिक के नियमों


कोई पुलिस वाला नही निकाल सकता अपकी बाइक की चाबी,
जाने क्या है चालान के नियम :-

रोड पर चलते हुए आपके कुछ अधिकार और कुछ ड्यूटी है और ये दोनों ही चीजें आपकी और दूसरों की सेफ्टी के लिए जरूरी हैं। अपने तमाम राइट्स एंजॉय करने और ड्यूटी को पूरा करने के लिए आपके पास ट्रेफिक व चालान के नियमों की पूरी जानकारी होनी चाहिए। आज हम अपको बता रहे है ट्रैफिक से जुड़े ऐसे नियम जो आपके काम के हो सकते हैं|

चाबी निकालने का हक ट्रैफिक पुलिस वालों को नहीं:-

ट्रैफिक नियम तोड़ने के आरोप में जब पुलिसवाले किसी को रोकते हैं तो उसकी गाड़ी की चाबियां निकाल लेते हैं। ऐसा वे इसलिए करते हैं, क्योंकि लोग भागने की कोशिश करते हैं और अपनी और दूसरों की जिंदगी खतरे में डालते हैं। वैसे, चाबी निकालने का हक ट्रैफिक पुलिस वालों को नहीं है। ऐसा करना सही प्रैक्टिस नहीं माना जाता।

ये डॉक्युमेंट्स होने ही चाहिए अपके पास :-
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ड्राइविंग करते वक्त आपके पास
- ड्राइविंग लाइसेंस।
- वीइकल का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट यानी आरसी।
- वीइकल का इंश्योरेंस सर्टिफिकेट और वैलिड पल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट।
- इनमें ड्राइविंग लाइलेंस और वैलिड पल्यूशन सर्टिफिकेट आपके पास ओरिजनल होने चाहिए।
- जबकि आरसी और इंश्योरेंस सर्टिफिकेट की फोटो कॉपी भी अपने पास रख सकते हैं।

इन केस में हो सकता है लाइसेंस जब्त :-
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- रेड लाइट जंप करना पर।
- सामान की ओवरलोडिंग पर।
- बोझा ढोने वाले वाहनों में सवारी लेकर चलना पर।
- शराब पीकर या ड्रग्स लेकर गाड़ी चलाना।
- ड्राइविंग करते हुए मोबाइल पर बात करना और ओवर स्पीडिंग।
- ट्रैफिक के नियम तोड़ने पर ट्रैफिक पुलिस के पास यह पावर है कि वह नियम तोड़ने वाले का लाइसेंस जब्त कर ले।
- लाइसेंस की यह जब्ती तीन महीने के लिए होगी।

चालान के नियम--
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चालान तीन तरह के होते हैं|
1- ऑन द स्पॉट चालान--
- ये चालान तब काटे जाते हैं, जब नियम तोड़ने वाले को पुलिस रंगे हाथों पकड़ लेती है।
- उसे चालान थमाकर वहीं जुर्माना वसूल लेती है।
- कोई अगर उस वक्त जुर्माना नहीं भरना चाहे तो पुलिस डीएल जमा कराकर चालान दे देती है ।

2- नोटिस चालान--
- अगर कोई नियम तोड़कर भाग गया तो पुलिस उसका नंबर नोट कर उसके घर चालान भिजवा देती है।
- इस चालान का जुर्माना भरने के लिए आरोपी को एक महीने का वक्त दिया जाता है।
- अगर समय पर जुर्माना नहीं भरा गया तो चालान कोर्ट भेज दिया जाता है।

3- कोर्ट के चालान--
- कोर्ट के चालान आमतौर पर कानून तोड़ने की ऐसी गंभीर घटनाओं में दिए जाते हैं।
- जिनमें जुर्माना और सजा दोनों का प्रावधान है।
- शराब पीकर गाड़ी चलाना ऐसा ही मामला है।
- ये किए तो ऑन द स्पॉट ही जाते हैं, लेकिन इनका जुर्माना पुलिसकर्मी नहीं वसूलते। इसके लिए कोर्ट ही जाना होता है।

अगर आपके पास ऑन द स्पॉट फाइन देने के लिए पैसे नहीं हैं तो आपको कोर्ट में जाने के लिए चालान जारी कर दिया जाएगा। दी गई तारीख को आपको कोर्ट में पेश होना होगा, लेकिन ऐसी स्थिति में पुलिसवाले आपका ओरिजनल डीएल अपने पास रख लेंगे और डीएल जमा करवाने की रसीद आपको देंगे। कोर्ट में पेश होने के बाद ही आपको अपना डीएल मिलेगा।

कौन-कौन कर सकता है फाइन--
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- 100 रुपये से ज्यादा का फाइन है तो हेड कॉन्स्टेबल से ऊपर का ट्रैफिक ऑफिसर यानी एएसआई या एसआई ही कर सकता है।
- हेड कॉन्स्टेबल को 100 रुपये तक का फाइन लेने का हक है।
- कॉन्स्टेबल को फाइन करने का हक नहीं है। वे सिर्फ गाड़ी का नंबर नोट कर सकते हैं।
- कोई ट्रैफिक वाला आपका चालान तभी काट सकता है, जब उसने वर्दी पहनी हुई हो।
- उस पर नेमप्लेट लगाई हुई हो।
- अगर उसने वर्दी नहीं पहनी है या नेम प्लेट नहीं लगाई है तो आप उसकी कार्रवाई का विरोध कर सकते हैं।

नशे में गाड़ी चलाने पर सजा--
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अगर कोई ड्राइवर शराब पीकर गाड़ी चला रहा है और उसके खून में ऐल्कॉहॉल की मात्रा 30 एमजी प्रति 100 एमएल से ज्यादा है या उसने इतनी मात्रा में ड्रग्स लिया हुआ है कि उसका वाहन पर नियंत्रण नहीं रह सकता, तो उसे नशे की हालत में गाड़ी चलाने का आरोपी माना जाता है।

पहली बार यह जुर्म करने पर आरोपी को छह महीने तक की जेल या दो हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है। अगर पहले जुर्म के तीन साल के अंदर कोई दोबारा ऐसा करता है तो उसे दो साल तक की जेल या तीन हजार रुपये तक का फाइन या दोनों हो सकते हैं।

अब पुलिस ऐसे शख्स का लाइसेंस भी तीन महीने के लिए जब्त कर सकती है। ऐसे मामलों में पुलिस ऑन द स्पॉट फाइन नहीं करती। सभी चालान कोर्ट भेजे जाते हैं और कोर्ट ही फाइन लगाती है। अगर आप दी

एक बोतल कोका कोला लीजिये,,,


एक बोतल कोका कोला लीजिये,,,,,
उसे खोल कर उसमे थोड़ा दूध मिला दिजिये तकरीबन जितना कोका कोला आपने जगह बनाने के लिए निकाला था,,, अब कोका कोला को पुनः उसके ढक्कन से बंद कर इसे करीबन ६,,से 7 घंटे तक छोड़ दीजिये उसके बाद का परिणाम देख कर आप जिन्दगी में कोक या कोई भी कोल्ड ड्रिंक पीना छोड़ देंगे,,
मित्रों ये कंपनिया हमें साक्षात् ज़हर पिला रही हैं lगती हैं।
इसे पढ़ कर सिर्फ अपने पास तक सीमित मत रखिए बल्कि इसे आगे बढ़ाइए और मानवता की सेवा में थोड़ा योगदान दीजिऐ ।
धन्यवाद।
में अकेला इस लड़ाई को जीत नहीं सकता ,
अगर साथ हो तुम्हारा तो में हार नहीं सकता।
समर्थन दें.. वन्देमातरम् भारत माता की जय हो ।।