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ગુજરાત રાજપૂત (ક્ષત્રિય) વોલીબોલ લીગ - ૨૦૧૬


ગુજરાત રાજપૂત (ક્ષત્રિય) વોલીબોલ લીગ - ૨૦૧૬
(G.R.V.L - 2016)
ગુજરાત રાજ્યના રાજપૂત (ક્ષત્રિય) સમાજના યુવાઓ (દીકરા/દીકરીઓ) માટે પાસીંગ અને શૂટિંગ માં લઈને આવી રહ્યા છે.. વોલીબોલ લીગ - ૨૦૧૬.
આ વખતે પણ એજ ફોર્મેટ થી એટલે કે ગુજરાતના ૪ અલગ અલગ ઝોન (ઉત્તર, દક્ષિણ, મધ્ય અને કચ્છ કાઠીયાવાડ) મા રમાશે મેચો. દરેક ઝોન મા કુલ ૩૨ ટીમો ભાગ લેશે જેમની વચ્ચે ઝોનલ મેચો રમાશે.. અને દરેક ઝોનમાંથી ૪ એટલે કે ૪ ઝોન માંથી કુલ ૧૬ ટીમો સ્ટેટ લેવલ પર આવશે. ઝોન ની મેચો અંદાજિત ૨૬-૨૭ નવેમ્બર ૨૦૧૬ અને સ્ટેટ લેવલ ની મેચો ૧૭-૧૮ ડિસેમ્બર ૨૦૧૬ મા રહેશે.
આ ૧૬ ટીમો વચ્ચે સ્ટેટ લેવલ ની મેચો રમાશે... જેમાથી વિનર ટીમને " G.R.V.L - 2016" ની ટ્રોફી થી સન્માનિત કરવામા આવશે.
ટૂંક જ સમયમાં સ્થળ તેમજ અન્ય માહિતી ઉપલબ્ધ કરીશું..
(પાસીંગ / શૂટિંગ) વોલીબોલ રમવા ભાગ લેવા માટે, તેમજ સ્પોન્સરશીપ તથા સ્ટેટ ની વોલીબોલ ટીમ ખરીદવા માટે આપ અમારો સમ્પર્ક કરી શકો છો...
સંપર્ક સૂત્ર :-
૯૯૦૯૧ ૧૫૫૫૫   /   ૯૯૨૫૧ ૧૨૯૯૯
૯૦૯૯૯ ૩૭૮૯૦   /   ૯૮૭૯૯ ૨૧૪૪૦

चुडासमा क्षत्रिय_वंश परिचय


==चुडासमा क्षत्रिय_वंश परिचय==
गोत्र : अत्रि
वंश : चन्द्रवंश / यादव / यदुवंश
शाखा : माध्यायनी
कुल देवी : अम्बा भवानी
सहायक देवी: खोडियार माँ
आदि पुरुष: आदिनारयण भगवान
कुल देवता: भगवन श्री कृष्ण
तलवार : ताती
ध्वजा : केसरी
शंख: अजय
नदी: कालिंदी
नगाड़ा : अजीत
मुख्य गद्दी : जूनागढ़
== जूनागढ़ और चुडासमा का इतिहास ==
>जुनागढ का नाम सुनते ही लोगो के दिमाग मे "आरझी हकुमत द्वारा जुनागढ का भारतसंघ मे विलय, कुतो के शोखीन नवाब, भुट्टो की पाकिस्तान तरफी नीति " जैसे विचार ही आयेंगे, क्योकी हमारे देश मे ईतिहास के नाम पर मुस्लिमो और अंग्रेजो की गुलामी के बारे मे ही पढाया जाता है, कभी भी हमारे गौरवशाली पूर्खो के बारे मे कही भी नही पढाया जाता || जब की हमारा ईतिहास इससे कई ज्यादा गौरवशाली, सतत संघर्षपूर्ण और वीरता से भरा हुआ है ||
> जुनागढ का ईतिहास भी उतना ही रोमांच, रहस्यो और कथाओ से भरा पडा है || जुनागढ पहले से ही गुजरात के भुगोल और ईतिहास का केन्द्र रहा है, खास कर गुजरात के सोरठ प्रांत की राजधानी रहा है || गिरीनगर के नाम से प्रख्यात जुनागढ प्राचीनकाल से ही आनर्त प्रदेश का केन्द्र रहा है || उसी जुनागढ पर चंद्रवंश की एक शाखा ने राज किया था, जिसे सोरठ का सुवर्णकाल कहा गया है || वो राजवंश चुडासमा राजवंश | जिसकी अन्य शाखाए सरवैया और रायझादा है ||
> मौर्य सत्ता की निर्बलता के पश्चात मैत्रको ने वलभी को राजधानी बनाकर सोरठ और गुजरात पर राज किया || मैत्रको की सत्ता के अंत के बाद और 14 शताब्दी मे गोहिल, जाडेजा, जेठवा, झाला जैसे राजवंशो के सोरठ मे आने तक पुरे सोरठ पर चुडासमाओ का राज था ||

> भगवान आदिनारायण से 119 वी पीढी मे गर्वगोड नामक यादव राजा हुए, ई.स.31 मे वे शोणितपुर मे राज करते थे || उनसे 22 वी पीढी मे राजा देवेन्द्र हुए, उनके 4 पुत्र हुए,
1) असपत, 2)नरपत, 3)गजपत और 4)भूपत
>असपत शोणितपुर की गद्दी पर रहे, गजपत, नरपत और भूपत ने एस नये प्रदेश को जीतकर विक्रम संवत 708, बैशाख सुदी 3, शनिवार को रोहिणी नक्षत्र मे 'गजनी' शहर बसाया || नरपत 'जाम' की पदवी धारण कर वहा के राजा बने, जिनके वंशज आज के जाडेजा है || भूपत ने दक्षिण मे जाके सिंलिद्रपुर को जीतकर वहां भाटियानगर बसाया, बाद मे उनके वंशज जैसलमेर के स्थापक बने जो भाटी है ||
> गजपत के 15 पुत्र थे, उसके पुत्र शालवाहन, शालवाहन के यदुभाण, यदुभाण के जसकर्ण और जसकर्ण के पुत्र का नाम समा था || यही समा कुमार के पुत्र चुडाचंद्र हुए || वंथली (वामनस्थली) के राजा वालाराम चुडाचंद्र के नाना थे || वो अपुत्र थे ईसलिये वंथली की गद्दी पर चुडाचंद्र को बिठाया || यही से सोरठ पर चुडासमाओ का आगमन हुआ, वंथली के आसपास का प्रदेश जीतकर चुडाचंद्र ने उसे सोरठ नाम दिया, जंगल कटवाकर खेतीलायक जमीन बनवाई, ई.स. 875 मे वो वंथली की गद्दी पर आये || 32 वर्ष राज कर ई.स. 907 मे उनका देहांत हो गया ||
वंथली के पास धंधुसर की हानीवाव के शिलालेख मे लिखा है :



शिव पुराण १२ : काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग


शिव पुराण १२ : काशी  विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग

काशी विश्वनाथ मंदिर हिन्दू देवस्थानों में सर्वाधिक सुप्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।  यह गंगा जी के किनारे बनारस में बसा है। मंदिर का बाहरी स्वरुप अनेक बार तोड़ दिया गया और यह पुनर्गठित हुआ।  आखिरी बार औरंगज़ेब ने इस मंदिर को तोड़ कर ज्ञानवापी मस्जिद बनवायी थी।  आज का मंदिर अहल्याबाई होल्कर (इंदौर की मराठा रानी) द्वारा बनवाया गया था।

कहते हैं कि एक बार ब्रह्मा और विष्णु में बहस हो गयी थी कि कौन बड़ा है। तब शिव जी वहां प्रकाश लिंग के रूप में प्रकट हुए थे और ब्रह्मा जी अपने हंस पर बैठ ऊपरी छोर ढूंढने निकले और विष्णु जी वराह रूप में निचला छोर। विष्णु जी ने स्वीकार किया कि मैं अंतिम छोर न ढूंढ पाया किन्तु ब्रह्मा जी ने झूठ कहा कि मैंने खोज लिया।  तब शिव जी एक और ज्योतिर्लिंग रूप में प्रकट हुए और ब्रह्मा को श्राप दिया कि उनकी पूजा न होगी क्योंकि स्वयं को पूजित बनाने  झूठ बोला था ।

यहीं पास में मणिकर्णिका मंदिर है जो सती माता का  शक्तिपीठ है ।  यह भी एक कथा है कि शिव जी ने यह स्थल अपने त्रिशूल पर उठा रखा है और इसे ब्रह्मा की सृष्टि से पृथक कर दिया था।  जब प्रलय होती है तो शिव जी इसे त्रिशूल पर रखते हैं और नए संसार में दुबारा अपने स्थान पर स्थापित कर  हैं ।

एक और कथा है कि जब शिव जी ब्रह्मा जी पर क्रुद्ध हुए तो  काल भैरव को प्रकट किया जिन्होने  ब्रह्मा जी का एक मुख काट दिया।  यह ब्रह्महत्या हुई और कटा हुआ मुख काल भैरव से जुड़ गया।  उन्होंने बहुत प्रयास किये किन्तु ब्रह्मह्त्या अलग न होती थी।  फिर कल भैरव ने काशी आकर गंगा स्नान किया और पाप मुक्त हुए ।

मंदिर  प्रांगण में ज्ञानवापी नामक कुआं है । कहते हैं आक्रमण के समय पुजारी शिवलिंग को बचाने के लिए उन्हें लेकर कुँए में कूद गए थे।

क्षत्रिय साम्राज्य की टीम


** राजपूत को डुबोने वाली तीन-
1-दारु , 2-दोगङ , 3-दगा

राजपूत के लिये जरुरी तीन-
1-सँस्कार , 2- महेनत , 3-भाइचारा ॥

राजपूत को प्रिय तीन-
1-न्याय , 2-नमन , 3-आदर

राजपूत को अप्रिय तीन-
1-अपमान,2- विश्वाशघात , 3-अनादर ॥

राजपूत को महान बनाने वाले तीन-
1-शरणागतरक्षक, 2-दयालूता, 3-परोपकार

राजपूत के लिये अब जरुरी तीन-
1-एकता , 2-सँस्कार ,3-धर्म पालन
 
 क्षत्रिय साम्राज्य की टीम ने 2 महीने की मेहनत कर भारत के समस्त राज्यों से राजपूत  जनसँख्या जानने की कोशिश की हे जिसके अनुसार सूची तयार हुई हे। उम्मीद हे राजपूत अपनी शक्ति पहचाने और एकजुट होकर कार्य करे :

1) जम्मू कश्मीर : 2 लाख + 4 लाख विस्थापित
2) पंजाब : 9 लाख राजपूत
3) हरयाणा : 14 लाख राजपूत
4) राजस्थान : 78 लाख राजपूत
5) गुजरात : 60 लाख राजपूत
6) महाराष्ट्र : 45 लाख राजपूत
7) गोवा : 5 लाख राजपूत
8) कर्णाटक : 45 लाख राजपूत
9) केरल : 12 लाख राजपूत
10) तमिलनाडु : 36 लाख राजपूत
11) आँध्रप्रदेश : 24 लाख राजपूत
12) छत्तीसगढ़ : 24 लाख राजपूत
13) उड़ीसा : 37 लाख राजपूत
14) झारखण्ड : 12 लाख राजपूत
15) बिहार : 90 लाख राजपूत
16) पश्चिम बंगाल : 18 लाख राजपूत
17) मध्य प्रदेश : 42 लाख राजपूत
18) उत्तर प्रदेश : 2 करोड़ राजपूत
19) उत्तराखंड : 20 लाख राजपूत
20) हिमाचल : 45 लाख राजपूत
21) सिक्किम : 1 लाख राजपूत
22) आसाम : 10 लाख राजपूत
23) मिजोरम : 1.5 लाख राजपूत
24) अरुणाचल : 1 लाख राजपूत
25) नागालैंड : 2 लाख राजपूत
26) मणिपुर : 7 लाख राजपूत
27) मेघालय : 9 लाख राजपूत
28) त्रिपुरा : 2 लाख राजपूत

 सबसे ज्यादा राजपूत वाला राज्य: उत्तर प्रदेश
 सबसे कम राजपूत वाला राज्य : सिक्किम

 सबसे ज्यादा राजपूत  राजनैतिक वर्चस्व : पश्चिम बंगाल

 सबसे ज्यादा प्रतिशत वाला राज्य : उत्तराखंड में जनसँख्या के 20 % राजपूत

अत्यधिक साक्षर राजपूत राज्य :
केरल और हिमाचल

 सबसे ज्यादा अच्छी आर्थिक स्तिथि में राजपूत  : आसाम

सबसे ज्यादा राजपूत मुख्यमंत्री वाला राज्य : राजस्थान

 सबसे ज्यादा राजपूत  विधायक वाला राज्य : उत्तर प्रदेश
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भारत लोकसभा में राजपूत  :
48 %
भारत राज्यसभा में राजपूत  : 36 %
भारत में राजपूत राज्यपाल : 50 %
भारत में राजपूत कैबिनेट सचिव : 33 %
भारत में मंत्री सचिव में राजपूत : 54%
भारत में अतिरिक्त सचिव राजपूत : 62%
भारत में पर्सनल सचिव राजपूत : 70%
यूनिवर्सिटी में राजपूत वाईस चांसलर : 51%
सुप्रीम कोर्ट में राजपूत  जज: 56%
हाई कोर्ट में राजपूत जज :
40 %
भारतीय राजदूत राजपूत  : 41%
पब्लिक अंडरटेकिंग राजपूत  :
केंद्रीय : 57%
राज्य : 82 %

बैंक में राजपूत  : 57 %
एयरलाइन्स में राजपूत : 61%
 IAS राजपूत 72%
 IPS राजपूत : 61%
टीवी कलाकार एव बॉलीवुड : राजपूत 83%
 CBI Custom राजपूत 72%

कुछ बात तो है कि हस्ती मिटती नही हमारी ।

 मिट गये हमे मिटाने वाले

 इस संदेश को इतना फैलाओ कि हर राजपूत के मोबाईल मे पहुँचे ....

जय हो राजपूत सम्राज्य की

UPSC 2015 परिणाम घोषित.... पास (Clear) करनेवाले सभी राजपूत (क्षत्रिय) युवा की एक सूचि...


UPSC 2015 परिणाम घोषित.... पास (Clear) करनेवाले सभी राजपूत (क्षत्रिय) युवा की एक सूचि...
          Name              No.

01. प्रताप सिंह नाथावत 15
02. सौरभ सिंह गहड़वाल 46
03. गरिमा सिंह,बलिया 55
04. अनुराधा सिंह पाल 62
05. मिशा सिंह,अलीगंज 64
06. वर्षा सिंह 66
07. नितिन सिंह 69
08. विशाल सिंह 73
09. गन्धर्वा राठौड़, बजेखा 93
10. जयति सिंह शाही, 94
11. रचित रावत,उत्तराखण्ड 140
12. ऋचा तोमर , 153
13. चेतन टीपी सिंह,गया 193
14. इशनप्रताप सिंह, 201
15. सुजन्या सिंह, 212
16. नरेंद्र सिंह भंडारी,HP 228
17. सुबेद्र सिंह ठाकुर, 247
18. अलोक कुमार सिंह, 277
19. विवेक सिंह चौहान ,300
20. पूनम चौहान,ऐंठा 308
21. प्रतिक सिंह, 321
22. दीपिका सिंह,औरंगाबाद 339
23. प्रियंका सिंह,जौनपुर 362
24. तन्मया बैंस, 362
25. शशाकप्रताप सिंह, 429
26. विक्रम सिंह, 433
27. कार्तिक सिंह, 441
28. इशेंद्र कश्यप,HP 467
29. सिभी सिंह गहड़वाल, 489
30. अनुराग कुमार सिंह, 498
31. लोकेश कुमार सिंह, 504
32. रंजीत सिंह, 518
33. पियूष सिंह, 519
34. पुष्पेंद्र सिंह ठाकुर, 555
35. रचना छोकर चौहान, 596
36. चंद्रकांता राठौड़, 637
37.अमित कुमार सिंह, 680
38. राजेश सिंह, 689
39. सोनक्षी सिंह तोमर, 747
40. प्रांजल सिंह, 762
41. धर्मेन्द्र सिंह, 770
42. धन सिंह , 770
43. आनंद सिंह ,797
44. निशा तोमर, 824
45. नरेंद्र रावत, 902
46. मणिकर्ण सिंह, 931
47. आशुतोष सिंह, 942
48. हरजिंदर सिंह भट्टी, 987
49. सुगंधा सिंह, 995
50. कुंवर भूषण सिंह, 1011
51. सुखदेव सिंह, 1017
52. सुषमा नेगी,शिमला 1029
53. शैलेश के सिंह, 1049
54. विद्युत्मा सिंह,दिल्ली 1067
आप सभी युवाको अभिनंदन.... आप सभी सदाय देशहित ओर समाज के लिए कार्य करते रहे एसी शुभकामनाए
यह माहिती द्रारा घोषित सूची पर से एकत्रित की हे... इस नामो ने फेरफार संभव हे...

ज्ञाती बंधु माटे

ज्ञाती बंधु माटे